इस कहानी में ऐसा क्या ख़ास है? मन्दिर तो हर शहर में हर जगह बनें हैं, हमारा पूरा भारत मंदिरों से भरा-पूरा है।
आपकी बात बिलकुल सही है।
क्या आपने बाहुबली फिल्म में माहिष्मती नाम सुना था? माहिष्मती साम्राज्य वास्तव में हुआ करता था।
विकिपीडिया के अनुसार:
माहिष्मती एक प्राचीन नगरी थी, जिसका उल्लेख महाभारत तथा दीर्घनिकाय सहित अनेक ग्रन्थों में हुआ है। अवन्ति महाजनपद के दक्षिणी भाग में नर्मदा नदी के तट पर बसी यह सबसे महत्वपूर्ण नगरी थी। हालांकि इसकी ऐक्जक्ट लोकेशन के बारे में पुख्ता कहना मुश्किल है, पर आज के समय के आधुनिक नक्से के अनुसार देखें तो सेन्ट्रल इंडिया में पड़ेगी..यानि मध्यप्रदेश। ऐसा कहा जाता है कि इस नगरी के राजा हैहय वंश के कार्तिवीर्य अर्जुन हुआ करते थे।
हाथरस में माहिष्मती साम्राज्य के उन्ही प्रतापी राजा कार्तिवीर्य अर्जुन या सहस्त्रार्जुन का मंदिर है।
हाथरस का यह मंदिर पूरे भारत में बने सहस्त्रार्जुन के पच्चीस मंदिरों में से एक है। कलचुरी सेना की वेबसाइट में उल्लेखित पच्चीस मन्दिरों में हाथरस का मंदिर दसवें नंबर पर अंकित है। वेबसाइट के अनुसार: श्री राजराजेश्वर मंदिर हाथरस, उत्तर प्रदेश
"इस मंदिर में कार्तवीर्यार्जुन की सुंदर प्रतिमा है। प्रत्येक सप्ताह यहाँ हवन-पूजन होता है, इस आयोजन में समाज बंधु भागीदारी कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।"
कलचुरी या कलचुरि प्राचीन भारत का विख्यात अहीर राजवंश था। 'कलचुरी ' नाम से भारत में दो राजवंश थे- एक मध्य एवं पश्चिमी भारत (मध्य प्रदेश तथा राजस्थान) में जिसे 'चेदी' 'हैहय' या 'उत्तरी कलचुरि' कहते हैं तथा दूसरा 'दक्षिणी कलचुरी' जिसने वर्तमान कर्नाटक के क्षेत्रों पर राज्य किया। कलचुरी या कलचुरि अपने को कार्तवीर्य अर्जुन का वंशज बतलाते हैं।
कलचुरी सेना इन्ही का एक सांस्कृतिक संगठन है जो समाज के लोगों को एकजुट रखने और युवा पीढ़ी को स्वर्णिम इतिहास बताने का कार्य करता है।