रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।

रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।
चरणों में तेरे ये है अरजी हमारी ।।


बिंदिया सिंदूर मेरा चमके हमेशा ।
हाथों का कंगना चूड़ी खनके हमेशा ।
रहमत हमेशा हम पर रखना तुम्हारी ।
रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।।


मेरा सुहाग हीं तो ताज़ है मेरा ।
इनसे हीं घर में कान्हा राज है मेरा।
इनके बिना ना कोई हस्ती हमारी ।
रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।।


आँच न इन पर कभी आने न देना ।
बदले में चाहे तुम जान मेरी लेना ।
जन्मों का बंधन जोड़े रखना बिहारी।
रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी ।।


मन की बात मैंने सारी बताई।
कांधे पर इनके मेरी हो विदाई ।
ख्वाहिश ये तुम पूरी करना बिहारी।
रखना सुहागन मेरे बाँके बिहारी 
चरणों में तेरे ये है अरजी हमारी