रेलवे को रेलवे के संबंधित अधिकारी कर्मचारी आपस में सांठगांठ

रेलवे को रेलवे के संबंधित अधिकारी कर्मचारी आपस में सांठगांठ कर षड्यंत्र रच कर व्यापारियों को वा यात्रियों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ निजी स्वार्थ के लिए एक बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा जाता है पार्सल से संबंधित कर्मचारी अधिकारी अपनी प्राइवेट टीम को अपने विश्वास में रखकर  गोपनीयता भंग ना हो ऐसा बहुत बड़ा प्लान बनाकर रेलवे को नुकसान पहुंचाया जाता है
    क्लेम भारतीय रेल को करना पड़ता है जिसका खामियाजा रेलवे बोर्ड बुग्गती है
    षडयंत्र करता सीपीएस व उनकी टीम को सार्वजनिक जनता वह समाज व संगठन कभी भी लायक नहीं कर सकता है उनके चाल चलन चरित्र रहन-सहन और वातावरण बिल्कुल आम जनों से विपरीत होता है एकदम से ठग टाइप के चालबाज है


       रेलवे में बहुत बड़ी संख्या में ईमानदार कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारी भी भोपाल भोपाल के आसपास कार्यरत हैं उनकी छवि एकदम से इन लोगों से विपरीत हैं आज रेलवे पर हजारों नहीं लाखों नहीं करोड़ों जनता को फक्र है और गर्म होता है ऐसे ईमानदार अधिकारी कर्मचारी भी भोपाल व देश में है रेलवे के पास हम ही नहीं पूरा देश गर्व करता है रेलवे के कर्मचारियों पर हमें नाज है बड़ी संख्या में ईमानदार सम्मानीय कर्मचारी व वरिष्ठ अधिकारी बड़ी संख्या में है
    पार्सल की लोडिंग अनलोडिंग करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के सहयोग से चालबाज भोपाल पार्सल ऑफिसर की करतूत सामने आई है एक व्यापारी के नजर और नॉलेज में
         रेलवे के विजिलेंस विभाग से व्यापारी विनम्र निवेदन कर रहा है कि इसमें विजिलेंस विभाग हस्तक्षेप जरूर से जरूर करें
         व्यापारी ने अपने सीजनेबल माल को किसी कार्यक्रम के लिए 15 नवंबर 2019 को डिलीवरी देनी थी जो आज तक रेलवे ने माल ही नहीं दिया है और व्यापारी ने अभी तक 26 नवंबर 2019 तक ₹50000 माल की छानबीन करने में खर्च कर दिए हैं सीपीएस द्वारा दिल्ली तक व्यापारियों को दूडकिया लगवा दी
        भोपाल सीपीएस व्यापारियों का मनोबल तोड़ने के अलावा रेलवे में चोरी होने के किससे जरूर दोहराते हैं
         और संबंधित व्यापारियों को सबसे ज्यादा यहां वहां माल के छानबीन के लिए भेज दिया जाता है
ऐसे में व्यापारी पूरी तरह से थक जाता है
         भोपाल पार्सल अधिकारी हर बात का मुंह पर जवाब रखता है क्योंकि वह बहुत बड़ा पुराना चालबाज खिलाड़ी है षड्यंत्र रच कर व्यापारियों को ठगने में माहिर साबित हो चुका है कई बार इनके पास असामाजिक लोगों की एक बड़ी टीम है जो पर्दे के पीछे गलत काम करती है उसकी अभिलंब जांच हो
         पार्सल अधिकारी रेलवे से क्लब दिलवाने का सबसे ज्यादा दबाव बनाते हैं ताकि षडयंत्र कर माल को यहां वहां रखा गया समान जल्द ओने पौने रेट में ठिकाने लगा सके
       और मजबूर हो जाता है और फिर रेलवे को व्यापारी मन ही मन में कोसता है
       कि रेलवे से माल नहीं मंगवाना चाहिए क्योंकि जगह जगह पर भ्रष्टाचारी व्यापारियों के नजर में दिखाई देने लगती है
      आज देश का व्यापारी रेलवे से माल मंगवाने में कतराने लगा है क्योंकि पार्सल अधिकारियों की नाजायज़ तरीके से परेशान करने का मामला बार-बार सामने आता है और माल ओवर केरी जानबूझकर कर दिया जाता है और तमाम झूठे षड्यंत्र वाले सफाई देते रहते हैं भ्रष्ट अधिकारी व्यापारी को बेवकूफ समझते हैं
         भारतीय रेलवे में आज भी ईमानदार ऊर्जावान और  लोकप्रिय  वरिष्ठ अधिकारी  और सम्मानीय कर्मचारी है जिसके वजह से पूरी रेलवे कामयाब और फायदे में चल रही है
        मुट्ठी भर चंद इनगीने भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी उन्हें ही लूटने का काम करते हैं हमारे भ्रष्ट बेईमान कर्मचारी अधिकारी निजी स्वार्थ के लिए
        व्यापारी ने ठान लिया है कि मुझे अपना कीमती सामान मिले ना मिले आखिर रेलवे से सामान कैसे चोरी जाता है इसका पर्दाफाश हम विजिलेंस के माध्यम से भी बहुत जल्दी अविलंब करवाएंगे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा एंगे व्यापारियों की पूरी लड़ाई अब छिंदवाड़ा जिले के प्रदीप साहू लड़ने को मैदान में उतर गए हैं
        पार्सल बुकिंग दिनांक 11 नवंबर 2019 बिल्टी क्रमांक नंबर m48 7007 लुधियाना से भोपाल पार्सल भेजे गए थे जिसमें से एक नग प्राप्त हो गया है
      तीन पार्सल में से दो पार्सल की गांठ आज दिनांक तक आ प्राप्त है
        लगेज का भुगतान पार्सल विभाग रेलवे को ₹4410 अदा किया गया है
  रेलवे के मुख्य पार्सल अधिकारी की चालबाजी का व्यापारियों का माल जानबूझकर षड्यंत्र रच कर  प्लानिंग के मुताबिक अपने लोडिंग अनलोडिंग सहयोगी टीम को पूरी ट्रेनिंग दी गई है
      व्यापारी का माल कैसे आगे भिजवाकर माल को चोरी करवाया जाता है
       जिला छिंदवाड़ा का व्यापारी पंजाब के लुधियाना से माल लेकर रेलवे से अपने स्थान के लिए बुक करवाने आता है तो रेलवे के संबंधित अधिकारी पहले तो आपको छिंदवाड़ा के लिए बुक नहीं किया जाता है
           व्यापारी प्रदीप साहू सामान को छिंदवाड़ा बुक करने के लिए जिस अधिकारी को अपना सामान होता है वह व्यक्ति उन्हें समझाइश देता है कि आपका सामान छिंदवाड़ा के लिए मैं बुक नहीं करुंगा
       आप भोपाल के लिए मालवा एक्सप्रेस 12920 के ब्रेक बान में करवा देंगे और वहां से आपको छिंदवाड़ा के लिए कई अन्य गाड़ी मिल जाएगी
      आप अपना टिकट भी भोपाल के लिए ही करा ले यह सलाह देता है
        और सामान भी 11 नवंबर 2019 को वहां से चलकर भोपाल 12 तारीख को पहुंचना था
          भोपाल स्टेशन के संबंधित जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा भोपाल में जानबूझकर सामान ना उतारते हुए अपनी चालबाजी का करतूत चालू हो जाता है
       षड्यंत्र कर जानबूझकर व्यापारियों का सामान आगे पहुंचाने से भयभीत एवं घबराए हुए व्यापारी अपने सामान को प्राप्त करने के लिए शोषित एवं पीड़ित व्यापारी अपने सामान को प्राप्त करने के लिए भ्रष्ट और बेईमान संबंधित लापरवाही से बचने के लिए मजबूरी में आकर और अपना पीछा छुड़ाने के लिए भेट देना स्वीकार करता है 


       भोपाल से ही यह सब खेल चालू होता है रेलवे में
           भोपाल में पार्सल ऑफिस पहुंचकर मुख्य पार्सल अधिकारी से अपने सामान की जानकारी देते हैं
       कि हमारा सामान संबंधित लोगों ने भोपाल में अनलोडिंग जानबूझकर नहीं किया गया
     चालबाजी कदम उठाकर अपनी रणनीति एवं निजी स्वार्थ व व्यापारियों से भारी रकम षड्यंत्र पूर्वक ऐठने के लिए यह सब घनघोर लापरवाही व्यापारियों के साथ बरती जाती है यही सबसे बड़ा ग्रंथ और अपराध कर्मचारियों का है यात्री युवा व्यापारी के साथ बहुत ही घिनौना व्यवहार किया जाता है
     भोपाल रेलवे के सीपीएस द्वारा व्यापारियों को षड्यंत्र रच कर लिया सलाह दी जाती है कि आप अंबेडकर नगर इंदौर के लिए जाकर आपका सामान एक बार देख लीजिए ताकि आपको मिल जाएगा तो अच्छा होगा आपके लिए यह सब बात षडयंत्र रचने के बाद ही ऐसी मुख्य सलाह दी जाती है
     मुख्य पार्सल अधिकारी के द्वारा व्यापारी उनकी बात में आकर इंदौर उज्जैन अंबेडकर नगर महू एवं दिल्ली तक होकर आ जाता है
           भोपाल के संबंधित पार्सल अधिकारी की टीम के जरिए रेलवे से सामान गोल करवाने का मूल्य कारण या है कि व्यापारियों से कैसे पैसा ऐठ आ जाए तो यह सब षड्यंत्र रचने वाले मुख्य सरगना भोपाल के सीपीएस द्वारा रचा जाता है भारी लोडिंग अनलोडिंग करने वाले कर्मचारियों की मिलीभगत से सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा इंडियन रेल को चुना लगाया जाता है यह बात सामने आई है
       एक तो रेलवे के संबंधित अधिकारियों द्वारा व्यापारी को भी परेशान करने की गुमराह करने की नियत इसमें सम्मिलित है
     
    संबंधित चंद मुट्ठी भर इक्का-दुक्का भ्रष्ट लापरवाही मान चालबाज ठगी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रेलवे को भारी नुकसान पहुंचाते हुए व्यापारियों को फिर क्लेम दिलवाने की भी बात करते हैं
      भोपाल चीफ पार्सल ऑफिसर का मुख्य उद्देश रहता है
       कि व्यापारियों का क्लेम अविलंब मिल जाएगा तो व्यापारी पार्सल ऑफिस का चक्कर काटना छोड़ देगा
 
    उसके बाद व्यापारियों का षड्यंत्र पूर्वक छुपाया गया माल को अपने ही संबंधित टीम के लोगों द्वारा गोपनीय तरीके से ओने पौने रेट में बिकवा कर एक अच्छी खासी मोटी रकम कमाया जाता है
      ऐसा व्यापारियों का मानना है यह सब भारतीय रेल को नुकसान पहुंचाने का षड्यंत्र मध्यप्रदेश के भोपाल स्टेशन से संचालित हो रहा है
       इस पर विशेष रुचि लेने के लिए व्यापारी व कई संगठनों ने सलाह दी है कि रेलवे के विजिलेंस विभाग को इसमें इंटरेस्ट लेकर जो भ्रष्ट बेईमान और हमारी भारतीय रेल को नुकसान पहुंचा रहे हैं ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ इमानदारी से ईमानदार अधिकारी पारदर्शिता के साथ आज काम करने की बहुत बड़ी आवश्यकता है
         भारतीय रेल को व्यापारियों का सीधा आरोप है कि संबंधित अधिकारियों से खोए हुए माल के बारे में जानकारी पूरी रहती है
     कहीं भी ऐसा नहीं होता है कि आरपीएफ जीआरपीएफ व अन्य अधिकारी संबंधित लोग जब प्लेटफार्म पर गाड़ी आकर रूकती है तो वहां पर मौजूद रहते हैं वहां पर कोई भी गलत काम नहीं हो सकता है
 बिगर पार्सल से संबंधित प्राइवेट लोगों की मिलीभगत एवं सरकारी कर्मचारियों के साथ घाट के वजह इस प्रकार के कार्य को अंजाम दिया जाता है
     धन्यवाद संबंधित वरिष्ठ विजिलेंस एवं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी लोगों को पुलिस परेशान व्यापारियों की अविलंब सहयोग प्रदान करें अति विनम्र निवेदन के साथ विनती एवं प्रार्थना करता भारतीय नागरिक दोषियों पर सख्ती से जल्द गंभीर कार्रवाई हो देरी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है
[27/11, 3:14 PM] ❤Vinod Suryawanshi🇮🇳: मान्यवर महोदय जी यह एक मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के साहू जी एक व्यापारी है इन्होंने लुधियाना से माल खरीद कर रेलवे से बुक करवाया था छिंदवाड़ा के लिए वहां के लिए बुक ना करते हुए रेलवे विभाग ने उन्हें भोपाल के लिए बुक कर दिया गया था तो वह माल आज दिनांक तक भोपाल नहीं पहुंचा गया है जिसकी शिकायत माननीय कमलनाथ जी मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को भी अवगत कराया गया है उन्होंने भी पुलिस विभाग एवं डीआरएम ऑफिस के लिए माल की सुपुर्दगी के लिए संबंधित अधिकारियों को शहद दे दे दिए गए हैं और आरपीएफ एवं जीआरपी विभाग भी इस पर ध्यान दे रहे हैं इन 15 दिनों के अंदर प्रदीप साहू व्यापारी द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह माल भोपाल के पार्सल अधिकारी की कूटनीति के कारण लापरवाही एवं षडयंत्र कर माल को यहां-वहां कर दिया गया है और उन्हीं के दिनेश सहयोगी लोडिंग अनलोडिंग कर्मचारी लोगों प्रदीप साहू व्यापारी को कुछ रुपए की मांग कर रहे हैं इस बीच में प्रदीप साहू जी ने यहां बताया है कि सीपीएस भोपाल द्वारा टांग आने के कारण आपको माल अभी देने में दिक्कत जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और फोन पर बातचीत होते होते अब संबंधित लोडिंग अनलोडिंग कर्मचारी फोन भी नहीं उठा रहे हैं इसका यही मतलब है कि भोपाल जीपीएस द्वारा माल को यहां-वहां कर दिया जाता है और ज्यादातर फोर्ट करते हैं कि आप क्लेम फॉर्म भर दीजिए हम आपको अविलंब फिल्म दिलवा देंगे जिससे सीपीएस बेफिक्र हो जाएंगे और उनका लाखों रुपए का माल किसी अन्य व्यक्ति को बेचकर अनऑफिशियल तरीके से पैसे को शायद उनके पॉकेट में डाल लिया जाएगा ऐसा इनको अंदेशा हो रहा है इस बात को गंभीरता से लेते हुए यदि आप छानबीन करेंगे तो एक बड़ा पर्दाफाश हो सकता है ऐसा मानना है व्यापारी प्रदीप साहू जी जिससे भारतीय रेल को शायद हिंदुस्तान के सारे स्टेशनों पर जो माल हो जाता है उसे सरकारी कर्मचारी गोपनीय तरीके से भी करते हैं और भारतीय रेल को एक बड़ी मोटी रकम का नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ता है ऐसा प्रदीप साहू द्वारा अनुमान लगाया गया है मान्यवर महोदय जी आप अपने स्तर पर इसे जांच कर जो भी दोषी व्यक्ति हो उस पर आप जरूर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे तो लोकतंत्र के लिए एक बड़ी कामयाबी हासिल होगी इस देश के लिए भ्रष्ट बेईमान जैसे कर्मचारियों के प्रति कार्यवाही भी हो सकती हैं क्योंकि भारतीय रेल के अंदर काफी बड़े पैमाने पर इमानदार कर्मठ जुझारू लगन शील कार्यकर्ता भी अवेलेबल है उनके सम्मान को और भी चार चांद लगाया जा सकता है और कर्मचारियों के प्रति कड़ी कार्रवाई की जा सके तो ज्यादा अच्छा होगा ऐसा प्रदीप साहू का मानना है माल मिले या ना मिले दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए आगे आप खुद समझदार हैं बहुत-बहुत धन्यवाद धन्यवाद महोदय जी आपको और आपकी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद