आगमन

 


कितने ही अंकुर उग आए
पुहुप गात का सृजन हुआ
पवन,धूप-पानी ले निकले
कलित कुंज आगमन हुआ!


चलित चर्चित कुमुलित हों
और सुवासित रहें सदा
वय बंधन की डोर बली हो
प्रिय बंध लसित रहें सदा।


विहग विटप की छाया में
हम सबका मिलन हुआ
#पवन, धूप पानी ले निकले
फलित कुंज आगमन हुआ।